On Page SEO के बारे में जानकारी पाने के लिए पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े,क्योकि इसमें आपको इसके बारे में बहुत जरूरी जानकारी मिलेगी और साथ ही साथ यह भी जानकारी मिलेगी कि On page SEO in hindi in 2021 में कैसे करे।
अगर आप अपने वेबसाइट या ब्लॉग पर कंटेटेन्सी के साथ कंटेंट यानि पोस्ट दाल रहे है, और उसके बाद भी आपकी वेबसाइट या पोस्ट पर ट्रैफिक नहीं आ रहा है।
इसका मतलब यह है की आपकी वेबसाइट की पोस्ट का ऑन पेज स इ ओ (on page seo) ठीक से नहीं हुआ है।
तो चलिए शुरू करते है:-

On -Page SEO एक ऐसा अभ्यास (Practice ) है। जिसमे वेब पेज (web -page ) के कंटेंट (content ) को सर्च इंजन के लिए ऑप्टिमाइज़ (optimize ) करते है।
इसके सामान्य अभ्यास (यानि pratice ) में टाइटल टैग ,कंटेंट ,इंटरनल लिंक्स ,इमेज ,URL ऑप्टिमाइज़ करना शामिल है। और यही सभी अभ्यास On -Page SEO कहलाती है।
On page seo को On site SEO भी कहा जाता है।
आपको अब पता चल गया होगा की on page seo क्या है। तो अब जानते है की इसे कैसे करते है।
On-Page SEO कैसे करे
On Page seo करने का एक प्रोसेस होता है। जिसे on page techniques कहा जाता है। क्योकि इसमें हम अपने हर एक पोस्ट को इन टेक्निक्स के जरिये ऑप्टिमाइज़ (Optimize ) करते है।
जिससे सर्च इंजन (जैसे Google ) को हमारी पोस्ट के बारे में पता चल सके और जब भी कोई यूजर (user ) हमारे पोस्ट से सम्बंधित जानकारी को google पर सर्च (search ) करे तो google उसे हमारे पोस्ट सर्च इंजन के फर्स्ट पेज (SERP) दिखा सके।
तो चलिए अब जानते है की वह टेक्निक्स कोनसी है।
On Page SEO Techniques in hindi

वैसे तो गूगल के काफी सरे अपडेट आते रहते है लेकिन अगर आप इन टेक्निक्स के अनुसार अपनी पोस्ट को लिखते हो तो आपके पोस्ट पर छोटे छोटे अपडेट से कोई नुकसान नहीं होगा।
on page seo की टेक्निक्स कुछ इस प्रकार है :-
पोस्ट का टाइटल (Post Title )
पोस्ट का टाइटल on page seo का बहुत ही जरूरी factor है,क्योकि टाइटल जो है ,वो पूरी पोस्ट के बारे में एक छोटी सी जानकारी होती है।जिससे यूजर पढ़कर समझ जाता है की पोस्ट किस के बारे में है।
इसलिए अपनी पोस्ट का टाइटल जीतना हो सके अच्छा लिखे ,और टाइटल (title ) पोस्ट से सम्बंधित होना चाहिए। और आप जब भी अपनी पोस्ट का title लिखे तो एक बात का ध्यान हमेशा रखे कि उसमें आपकी पोस्ट का फोकस कीवर्ड जरूर हो।
फोकस कीवर्ड या टारगेट कीवर्ड को अपनी पोस्ट के टाइटल में शुरू में लिखने की कोशिश करे और आगे शुरू में लिखना संभव न हो सके हो बीच या आखिरी में जरूर लिखे क्योकि इससे सर्च इंजन को आपकी पोस्ट के बारे में पता चलता है।
उदाहरण:-
- SEO क्या है
- what is SEO in Hindi
एक बात और की अपने पोस्ट के टाइटल को जितना हो सके छोटा लिखने की कोशिश करे।मतलब यह की टाइटल को 60 अक्षरों (words ) तक लिखे।
मेटा डिस्क्रिप्शन (Meta Description )
मेटा डिस्क्रिप्शन या मेटा टैग आपकी पोस्ट के बारे में एक छोटी से जानकारी इंटरनेट यूजर को देती है। जो सर्च इंजन के फर्स्ट पेज में टाइटल के नीचे होती है।
जब कोई यूजर सर्च इंजन यानि गूगल पर कुछ जानकारी (imformation ) सर्च करता है तो उसे उसकी जानकारी के हिसाब से तीन चीजे देखती है वेबसाइट का नाम ,पोस्ट का टाइटल ,और पोस्ट का मेटा डिस्क्रिप्शन, जिससे पढ़कर यूजर को पता चलता है की यह पोस्ट की जो जानकारी है वह उसके हिसाब की है या नहीं है
डिस्क्रिप्शन को आप 160 अक्षरों (words ) तक लिखने की कोशिश करे तथा उसमें पोस्ट के टाइटल के हिसाब से कीवर्ड लिखने की कोशिश करे। पोस्ट का डिस्क्रिप्शन टाइटल के अनुसार और साथ ही साथ कंटेंट के अनुसार होना चाहिए।
अगर आपका टाइटल और मेटा डिस्क्रिप्शन अच्छा होगा तो इससे आपकी वेबसाइट का click -through rate (यानि CTR ) बढ़ेगा और इससे आपकी वेबसाइट की रैंकिंग बढ़ती है।
Heading Tags
हैडिंग जो है वह बिल्कुल टाइटल की तरह ही होती है। क्योकि यह भी टाइटल की तरह आपकी पोस्ट के बारे में यूजर को जानकारी प्रदान करती है।
आपको अपने पोस्ट में हैडिंग का इस्तेमाल जरूर करना है। क्योकि इससे यूजर को आपकी पोस्ट को पढ़ने में बहुत आसानी होती है और वह पोस्ट को ज्यादा समझ पता है तथा वह पोस्ट भी ज्यादा टाइम बीतता है।
आपको वर्डप्रेस (WordPress ) में H1 से H6 तक हैडिंग का इस्तेमाल करने को मिलता है। जिसमें से H1 हैडिंग में आपकी पोस्ट का टाइटल लिखा जाता है।
बाकि सुबहेडिंग (subheading ) के लिए आप H2,H3,H4,H5,H6 का इस्तेमाल कितनी भी बार कर सकते है। इसका मतलब यह है की आप H2,H3 या बाकि हैडिंग को अपनी पोस्ट के अनुसार बार बार इस्तेमाल कर सकते है।
देखिए करने को आप H1 को भी बार बार इस्तेमाल कर सकते है लेकिन SEO के हिसाब से H1 हैडिंग एक ही होनी चाहिए और उसमे पोस्ट का टाइल लिखा होना चाहिए।
Image Optimization
सबसे पहले तो में आपको यह बताना चाहूगा कि आप अपनी पोस्ट में इमेज (image ) का इस्तेमाल ज़रूर करे क्योकि इमेज से भी यूजर को पोस्ट को समझने में काफी मदद मिलती है।
इसलिए आप जब भी अपनी पोस्ट के अनुसार यूजर को समझने के लिए इमेज (Image ) का उपयोग करे तो तब यह दो काम जरूर करे।
1 आप जिस भी इमेज को यूज़ करे उस इमेज का Alt tag जरूर लिखे
2 इमेज का साइज ज्यादा न हो। मतलब की इमेज का साइज जितना हो सके काम रखे kb में रखे
Keyword Density
पोस्ट को लिखते टाइम उसमे हमे कीवर्ड डेंसिटी का भी दिन रखना होता है। मतलब यह है की आपको अपने फोकस कीवर्ड को जरूरत से ज्यादा बार बार इस्तेमाल न करे ,नहीं वो सपेमिंग में आ जायगा।
आप अपने फोकस कीवर्ड को कंटेंट के शुरू के 100 या 150 शब्दो के अंदर जरूर लिखे और पोस्ट के आखरी के प्राग्राफ में भी लिखे।
और कंटेंट (content ) के बीच में भी हर 150 से 200 शब्दो के बाद अपने फोकस कीवर्ड को लिखने की कोशिश करे ,ऐसा करने से सर्च इंजन(Google ) को आपकी पोस्ट किस बारे में यह पता चलता है और वह आपकी वेबसाइट को रैंक करता है
Internal links
जब हम अपनी किसी पोस्ट में उसस संबंधित अपनी किसी दूसरी पोस्ट का लिंक डालते हैं तो उस लिंक को इंटरनल लिंक कहते हैं।
मान लीजिए आपने किसी एक टॉपिक के बारे में एक पोस्ट लिखी है और उस टॉपिक से संबंधित एक पोस्ट और लिखी हुई है तो ऐसे में आप इंटरनल लिंक का उपयोग करके उस पोस्ट का लिंक अपनी इस पोस्ट में डाल सकते हैं।
ऐसा करने से आपकी वेबसाइट पर यूजर ज्यादा टाइम स्पैंड, करेगा, और, साथ ही साथ यूजर को, भी, ज्यादा इन्फॉर्मेशन प्राप्त हो जायेगी।
लेकिन ध्यान रहे आपको एक पोस्ट से संबंधित ही दूसरी पोस्ट कर लिंक डालना है। ये नहीं करना है कि पोस्ट किसी ऑटो पिक के बारे में, हैं, और, आपने लिंक किसी और, टॉपिक, की, पोस्ट पर डाल, दिया है
अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे आपका यूजर एक्सपीरियंस कम हो जायेगा जिससे आपका बाउंस रेड बढ़ेगा। और वेबसाइट की रैंकिंग कम होने लगेगी।
Outbound Links
जब हम अपनी वेबसाइट की किसी पोस्ट में किसी दूसरी वेबसाइट की पोस्ट का लिंक डालते है तो उस लिंक को आउटबाउंड लिंक कहते है।
मतलब की आप ने अपनी वेबसाइट पर किसी टॉपिक के बारे में एक पोस्ट लिखी है और किसी और वेबसाइट ने भी उससे रिलेटेड कोई पोस्ट लिखी है
तो ऐसा में आप अपने यूजर को आप ज्यादा जानकारी के लिए देने के लिए आउटबाउंड लिंक का इस्तेमाल कर सकते है।
Page Loading Speed
एक रिसर्च के अनुसार यह पाया है,कि अगर आपकी वेबसाइट यह ब्लॉग का पेज लोडिंग टाइम 3 -4 सैकंड से ज्यादा है , तो ऐसे में विज़िटर (visiter ) आपकी वेबसाइट को बंद करके दूसरी वेबसाइट पर चला जाता है।
इसका मतलब यह हुआ की आपकी वेबसाइट लगभग 3 सेकंड या उससे भी कम समय में खुलनीचाहिए।
वेबसाइट का पेज लोडिंग स्पीड इस तरह improve की जा सकती है ,
जैसे :-
वर्डप्रेस (WordPress ) में जरूरत से ज्यादा प्लगिन्स (plugin ) का इस्तेमाल न करे , जितने plugin की आवश्कता हो उतने ही plugin रखे।
एक ही थीम (theme ) रखे ,बाकि एक्स्ट्रा को delete कर दे ,
अपनी पोस्ट में इस्तेमाल होने वाले इमेज (image ) का साइज कम से कम रखे।
On Page SEO क्यो जरूरी है

आपने वह कहावत तो ज़रूर सुनी होगी ,की डूबते हुवे को तिनके का सहारा ,
ठीक उसी तरह किसी पोस्ट को SERP के पहले पेज पर लाने के लिए On page SEO एक सहारा है।
क्योकि अगर आप अपनी वेबसाइट को SERP के पहले पेज के टॉप पर लाना चाहते है तो आपको अपनी पोस्ट को On Page SEO के अनुसार ही लिखना होगा और साथ ही साथ कंटेंट भी अच्छा लिखना होगा जिससे यूजर की प्रॉब्लम ठीक होती हो।
निष्कर्ष
मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको अब On page SEO क्या है यह पता चल गया होगा और आपको इससे काफी फायदा मिलेगा जब आप इन सब को अपने वेबसाइट पर इस्तेमाल करके देखो के तो ,
मै आपसे यह भी उम्मीद करता हो की आपके जो भी सवाल , या सुझाव होंगे इस पोस्ट से सम्बंधित आप उनको कमेंट में जरूर पूछोगे।